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भौतिकी के सैद्धांतिक /आंकिक प्रश्नों (theoratical/Numerical Questions) के लिए मददगार कुछ महत्वपूर्ण बिंदु - भाग -2
  1. जैसा कि हम जानते हैं कि पवन की दिशा उच्च दाब से निम्न दाब की ओर होती है, अर्थात उच्च दाब की ओर से हवा निम्न दाब की ओर धकेलती है। साथ ही हम यह भी जानते हैं कि बरनोली प्रमेय के अनुसार जिस तरफ पवन की गति तेज होगी उधर हवा की दाब उर्जा कम हो जाएगी परिणाम ये होता है की आंधी में किसी घर पर पड़ी हुयी टीन की चादर के ऊपर तेज पवन के चलते हवा का दाब कम रहता है जबकि चादर के नीचे स्थिर हवा के चलते ज्यादा वायु दाब जोकि बाहर की तरफ दबाव डालता है और चादर उड़ जाती है, कंक्रीट की छत नहीं उडती क्योंकि मजबूती से जुड़ी होती है और भारी होने के चलते हवा का दबाव इसके भार को संतुलित नहीं कर पाता |
  2. डिग्री ऑफ़ फ्रीडम एक विमाहीन संख्या होती है |
  3. अगर किसी प्रश्न में दिया हुआ है कि एक ही धातु की दो अलग अलग छड़ें तो तुरंत लिखिए Y1  =  Y2; माने दोनों का यंग प्रत्यास्थता गुणांक एकसमान होगा, 1 और 2, दो अलग अलग परिस्थतियों को दिखाता है |
  4. द्रव के अन्दर मुक्त प्रष्ठ से h गहरे नीचे कुल दाब = वायुमंडलीय दाब + द्रव स्तम्भ का दाब = P0  + dgh
  5. समान्तर क्रम में जुड़ी स्प्रिंग के लिए बल नियतांक k = k1  +  k2 मतलब उतने ही भार के लिए अब कम खिंचाव कम उत्पन्न होगा क्योकि खिंचाव   x  = Weight / k 
  6. सरल आवर्त गति में पथ के सिरे(अंतिम बिंदु ) पर कण को क्षणिक रूप से रूककर वापस आना होता है इसीलिए उसका वेग क्षणिक रूप से शून्य होकर माध्य स्थिति की ओर बढ़ता है और तब तक बढ़ता रहता है जब तक की वह माध्य  स्थिति में न पहुँच जाये क्योंकि प्रत्यानयन बल भी तो उसे माध्य स्थिति में ही लाना चाहता है अतः हम कह सकते हैं कि माध्य स्तिथि में वेग अधिकतम और त्वरण शून्य होता है ; फिर जड़त्व के कारण कण माध्य स्थिति के दूसरी तरफ चला जाता है परिणामतः प्रत्यानयन बल को पुनः सक्रिय होना पड़ता है ताकि वो कण को पुनः माध्य स्थिति में ला सके अतः ये अब कण की गति का विरोध करता है और उसके वेग को घटाने लगता है नतीजा ये होता है की पथ के दूसरे छोर तक पहुँचते ही इसकी गति शून्य होकर यह पुनः माध्य स्थिति की ओर चल देता है | छोर पर वेग शून्य तथा त्वरण अधिकतम होता है |
  7. बिंदु -6 के हिसाब से छोर पर गतिज उर्जा शून्य हो जाती है परिणामतः स्थितिज उर्जा अधिकतम |
  8. जितना ही कोई तार तना हुआ होगा उतना ही उसमे कम्पन आसान होगा माने समान भार के लिए एक ज्यादा तनाव वाले तार में कम्पन ज्यादा होने से ध्वनि की गति ज्यादा होगी |
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भौतिकी के सैद्धांतिक /आंकिक प्रश्नों (theoratical/Numerical Questions) के लिए मददगार कुछ महत्वपूर्ण बिंदु - भाग -1
  1. वो राशियाँ (quantities) जो दो समान (similar) राशियों का अनुपात (ratio) होती हैं वो विमाहीन (dimensionless) होती हैं; जैसे अपवर्तनांक (refractive index), सापेक्षिक आर्द्रता (relative density), विकृति (strain),कोण(angle) इत्यादि |
  2. राशि और राशि में परिवर्तन या फिर राशि का औसत मान सबकी विमा एकसमान होती है; जैसे वेग हो या वेग परिवर्तन या फिर हो औसत वेग सबकी विमा और मात्रक समान ही रहेंगे|
  3. कन्वर्शन याद रखें जैसे की SI unit (एसआई मात्रक ) में उर्जा का मात्रक जूल होता है और सवाल में दिया है कैलोरी तो तुरंत उसे जूल में परिवर्तित कर लें; 1कैलोरी = 4.18 joule, आसान करने के लिए 1 कैलोरी = 4.2 joule
  4. शब्दों के रूप में दी गयी शर्तों को अंकों और नोटेशन में लिखने से सूत्र का निर्धारण और इस्तेमाल आसान हो जाता है जैसे की अगर दिया है की एकसमान रेखीय गति तो तुरंत a=0 लिख दीजिये माने त्वरण (acceleration) जीरो है, अगर दिया है की वस्तु विराम से चलना शुरू कर रही तो  तुरंत u=0 लिखिए माने प्रारंभिक वेग(initial velocity) जीरो है; या फिर अगर दिया है की वस्तु रुक गयी है तो तुरंत v=0 लिखिए माने अंतिम वेग (final velocity) जीरो है, और भी ऐसे ही निर्धारण किये जा सकते हैं |
  5. जैसा की हम जानते हैं कि वेग = विस्थापन / समय अंतराल अतः विस्थापन = समय अंतराल * वेग जिससे ये कह सकते हैं कि वेग- समय ग्राफ का क्षेत्रफल हमें विस्थापन का मान देगा|
  6. केस (CASE) बनाकर हल करें प्रश्न:- जैसे किसी प्रश्न में अगर एक तार की लम्बाई और अनुप्रस्थ क्षेत्रफल क्रमशः l और A है तथा प्रतिरोध R है और उसी पदार्थ के दूसरे तार के लम्बाई और अनुप्रस्थ क्षेत्रफल क्रमशः 2l और 4A है तो दूसरे तार का प्रतिरोध का मान, R के गुणक के रूप में निकालने के लिए बस दोनों cases में अलग अलग व्यंजक निकालो प्रतिरोध के लिए और उन्हें एक दूसरे से भाग देकर अभीष्ट उत्तर तक पहुँच सकते हैं; यही case बनाकर डिवाइड करने की प्रक्रिया अन्य चैप्टर्स और अन्य सूत्रों के लिए भी की जा सकती है |
  7. जिस तरह समान्तर क्रम में जुड़े प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर एकसमान होता है वैसे है समान्तर क्रम में जुड़ी दो या अधिक छड़ों के सिरों के बीच तापमान का अंतर भी एकसमान होता है |
  8. किसी वस्तु के तापमान में 1000 डिग्री सेंटीग्रेड की बढ़ोत्तरी करो या 1000 केल्विन की दोनों परिस्थितियों में तापमान के बदलाव का मान एकसमान (1000) है |
  9. जिस तरह तापमान बढ़ने पर उर्जा बढ़ जाती है और वेवलेंथ घट जाती है वैसे ही वीन्स लॉ में तापमान बढ़ाने पर अधिकतम तीव्रता वाली वेवलेंथ भी घट जाती है |
  10. fractional change की गणना, शुरुआती मान के सापेक्ष ही करते हैं माने बदलाव को मूल मान से भाग देते हैं, जैसे कि विकृति भी एक fractional change है; रेखीय विकृति  (l ~ l' )/l

जहाँ l, शुरुआती लम्बाई (मूल लम्बाई) है |   यहाँ " ~ " अंतर का प्रतीक है l या l' में जो भी ज्यादा होगा उससे कम वाले को घटा देंगे |

 

शुभकामनायें 

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बर्फ का टुकड़ा गर्म पानी से भरे बीकर मे डाला गया - कैलोरीमापन सम्बंधित

मान लें कि गर्म पानी की मात्रा इतनी ज्यादा है या उसका तापमान इतना अधिक है कि वो सारी बर्फ को पिघलाने की उर्जा रखता है |

 

 

 

इस मामले में दो चरण (स्टेज) होंगे पहला की “पूरी” बर्फ पहले नियत (constant) तापमान (जोकि 00 C होता है ) पर पानी में परिवर्तित हो जाये इस काम के लिए आवश्यक उर्जा होगी  

 

Q1 = m L; जहाँ m बर्फ का द्रव्यमान है ग्राम में और L, गलन की गुप्त ऊष्मा (Latent Heat of melting) है कैलोरी प्रति ग्राम या जूल प्रति ग्राम में ; बर्फ के लिए इसका मान होता है 80 कैलोरी प्रति ग्राम

 

दूसरा चरण है कि इस बर्फ के पिघलने से बने पानी के तापमान को एक कॉमन तापमान तक बढ़ाना जिसमे आवश्यक उर्जा होगी

 

Q2 =mst ; जहां s पानी की विशिष्ट ऊष्मा है पानी के लिए जिसका मान 1 कैलोरी / ग्राम-0C होता है, t वह कॉमन तापमान है जिस तक बीकर का पूरा पानी पहुँच जायेगा जिसमे बर्फ से बने पानी का तापमान बढ़कर और पहले से मौजूद पानी का तापमान घटकर क्योंकि पहले से मौजूद पानी द्वारा उर्जा का लॉस (नुकसान) होगा |

 

 

 

ली गयी ऊष्मा = दी गयी ऊष्मा

 

अर्थात Q1 + Q2 = m’ s (t’ - t)

 

जहाँ m’ पहले से मौजूद पानी का द्रव्यमान है और t’ उसका शुरुआती (बर्फ डालने से पहले ) तापमान है

 

इस गर्म पानी द्वारा t’ से t तक ठंडा होने में m’ s (t’ - t) उर्जा, बर्फ और उसके पानी को दी जाएगी |

 

 

 

नोट- दोनों तरफ द्रव्यमान का मात्रक (unit ) एकसमान रखें |

यहां ऐसा माना गया है कि न तो बीकर और न ही वातावरण कोई ऊर्जा ले/दे रहा है।

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प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भौतिक विज्ञान की तैयारी

तैयारी के लिए कुछ टिप्स

 

1. जब आप किसी परीक्षा की तैयारी करना शुरू करते हैं तो आपका पहला और जरुरी कदम होना चाहिए की आप उस परीक्षा के सिलेबस के साथ उस परीक्षा में विगत वर्षों में आये प्रश्नों को खंगालें और

 

क. ट्रेंड को समझने का प्रयास करें

 

ख. प्रश्नों के स्तर को समझने का प्रयास करें

 

ग. अपने मजबूत और कमज़ोर टॉपिक्स की पहचान कर उसके अनुसार किस टॉपिक को कितना महत्व देना है इसकी योजना बनायें

 

घ. दिये गये समय में अधिकतम प्रश्न हल किये जा सकें इसके लिए प्रश्नों को हल करने की सटीक एप्रोच पर काम करो

 

 

 

2 .परीक्षा की प्रकृति के अनुसार अपनी तैयरी को कुछ चरणों में पूरा करें :

 

कुछ परीक्षाएं जिनमे बेसिक प्रश्न बहुतायत संख्या में आते हैं, उनके लिए तयारी करते वक़्त सबसे पहले चरण में सारे चैप्टर्स से

 

क. बेसिक परिभाषाएं और सूत्र समझ लें

 

ख. कौन सूत्र किस परिस्थिति में उपयोग करना है इसे उदाहरण से समझ लें

 

ग. सूत्र में किस नोटेशन का क्या मायने है इसे अच्छे से याद कर लें

 

घ. राशियों की इकाई और विमा कैसे निकलते हैं इस प्रक्रिया को समझ लें

 

ड. तीन पैरामीटर्स वाले सूत्र एक अलग डायरी पर लिख लें

ढ. कुछ स्टैण्डर्ड हल किये गये प्रश्न याद रक्खें  

शुभकामनाएं

लवकुश कुमार

एम.एससी. भौतिकी

आई.आई.टी. दिल्ली 

 

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क्या कमी है एप्रोच में कि भौतिक विज्ञान के प्रश्न हल नहीं होते?

यह देखा गया है कि कुछ छात्र/छात्राएं समस्या समाधान में इसलिए पीछे रह जाते हैं क्योंकि वे *स्वयं* प्रश्नों को हल करने का *प्रयास* नहीं करते।

 

 सभी को सलाह दी जाती है कि वे कक्षा में सिखाई गई विधि के अनुसार प्रश्नों को कम से कम दो बार हल करने का प्रयास करें।

 

 यह प्रश्न से सूत्र में मान डालने जैसा है।

 

 यह समझने के लिए कि कौन सा सूत्र काम में लेना है, बस याद रखें कि आप जो भी सूत्र सीखते हैं, उसके लिए किस प्रकार के *मानक प्रश्न* पूछे जाते हैं।

 

 इसे विषय-दर-विषय और अध्याय-दर-अध्याय अमल में लाएं 

 

 

*प्रत्येक प्रश्न का 2-3 बार अभ्यास करें जब तक कि आप इस प्रक्रिया के अभ्यस्त या सहज न हो जाएं..*

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भौतिक विज्ञान के प्रश्न हल करने के लिए टिप्स

सीमित समय में प्रश्न हल करने के लिए निम्नलिखित सुझावों पर ध्यान दें:

 

किसी प्रश्न को हल करने के लिए या तो वांछित मात्रा का सूत्र लिखें और फिर प्रश्न में दिए गए मानों से सीधे या परोक्ष रूप से मान डालें उस विषय का मुख्य समीकरण लिखें ताकि आप जान सकें कि दिए गए मानों और मुख्य समीकरण से कौन सी मात्राएँ निकाली जा सकती हैं उदाहरण के लिए फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव के प्रश्नों में आप हमेशा मुख्य समीकरण लिखकर प्रश्न शुरू कर सकते हैं और फिर दिए गए मान डालकर जाँच कर सकते हैं कि उन मानों को डालकर आप क्या पा सकते हैं।

 

 उपरोक्त मामले में मुख्य समीकरण फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव का आइंस्टीन समीकरण है।

 

k.e max का फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव समीकरण विभिन्न रूपों में लिखा जा सकता है....

जैसे अगर आवृत्ति दी गई है तो आवृत्ति के संदर्भ में।

अगर तरंगदैर्घ्य दी गई है तो तरंगदैर्घ्य के संदर्भ में।

अगर कट ऑफ तरंगदैर्घ्य दी गई है तो *कार्य फ़ंक्शन* को *hc अपॉन लैम्ब्डा नॉट* से बदला जा सकता है

 

अगर कट ऑफ आवृत्ति दी गई है तो कार्य फ़ंक्शन को *h nue नॉट* से बदला जा सकता है

 

गति से संबंधित और बल से संबंधित प्रश्नों का प्रयास करें। आरेख बनाकर।

संकेत- एक खंभे को पार करने के लिए एक ट्रेन को अपनी लंबाई के बराबर दूरी तय करनी होगी... क्योंकि खंभा तभी पार किया जाता है जब गार्ड का वैगन खंभे को पार करता है।

 

आप सभी को कक्षा में पढ़ाए गए विषयों पर आधारित अधिक से अधिक प्रश्नों को हल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, अनसुलझे प्रश्नों पर कक्षा में अपने शिक्षक से चर्चा करें।

 

अच्छी तरह से अभ्यास करें। हमेशा प्रश्नों की तुलना कक्षा में हल किए गए प्रश्नों से करने का प्रयास करें ताकि समाधान प्राप्त किया जा सके।

 

टेस्ट का उद्देश्य आपकी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता का आकलन करना और आपको यह बताना है कि कहाँ सावधानी बरतनी है और कहाँ सामान्य ज्ञान का उपयोग करना है।

 

इसलिए इसे हल करते समय हल्का महसूस करें।

 

संख्यात्मक हल के माध्यम से अवधारणाओं की बेहतर समझ की आवश्यकता है।

 

 

प्रश्न भले ही नया लगे, उसे हल करने का प्रयास जरूर करें तब ही कान्सेप्ट क्लिअर होगा और कैपेसिटी बढेगी

 

Jaisa class me karvaya jaye... Waise hi har question ko approach karen

 

Jo concepts samajh na aa rahe hon... Unhe baar baat likhkar dekhen

 

Tip-

Question naya lagne par, turant use , class me padhe huye frame me change karne ka try

karen...

 

 regular apni class attend Karen...

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हुक का नियम- प्रत्यास्थता

प्रत्यास्थता की सीमा में, प्रतिबल विकृति के समानुपातिक होता है।

समानुपातिक गुणांक को प्रत्यास्थता गुणांक कहते हैं।

रैखिक विकृति के लिए 

प्रतिबल = Y × विकृति

कुछ छात्रों/छात्राओं को भ्रम हो सकता है कि कहीं ये सूत्र 

विकृति = Y × प्रतिबल तो नहीं

उनको ये याद रखना होगा कि प्रतिबल, दाब और प्रत्यास्थता गुणांक के मात्रक  समान होते हैं और विकृति मात्रक विहीन होती है इसलिए पहला सूत्र ही सही है ताकि प्रतिबल और प्रत्यास्थता गुणांक का अनुपात एक मात्रक विहीन राशि हो सके।

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