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विद्युत विभव से जुड़े हुए कुछ तथ्यों को खाली जगह भरकर याद करने का अभ्यास -1

निम्नलिखित अधूरे वाक्यों की खाली जगह को भरकर इन्हें पूरा करिए और अपनी समझ को अभ्यास से मजबूत करिए :

1. विद्युत क्षेत्र में किसी भी बिंदु पर विद्युत विभव, प्रति इकाई धनात्मक परीक्षण आवेश को ...................................... से उस बिंदु तक बिना
त्वरण के विद्युत बल के विरुद्ध लाने में किए गए कार्य के बराबर होता है।


2. विद्युत विभव एक अवस्था-निर्भर फलन है अर्थात इसका मान इस बात पर निर्भर करता है कि उस बिन्दु कि ..............क्या है जिस पर हमे विद्युत विभव ज्ञात करना है |


3. विद्युत बल ...............................बल होते हैं। (संरक्षी/असंरक्षी)


4. विद्युत क्षेत्र में दो बिंदुओं के बीच विद्युत विभवांतर (अर्थात विद्युत क्षेत्र में दो बिंदुओं के विद्युत विभवों का अंतर)को एक ...........................धनात्मक परीक्षण आवेश को बिना किसी त्वरण के विद्युत बल के विरुद्ध एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किए गए कार्य के रूप में परिभाषित किया जाता है|


5. चूँकि किसी दिए गए आवेश विन्यास के कारण विद्युत क्षेत्र द्वारा परीक्षण आवेश पर किया गया कार्य पथ से स्वतंत्र
होता है, इसलिए विभवांतर भी किसी भी पथ के लिए ...........................होता है।


6. किसी बिंदु पर धनात्मक आवेश के कारण विभव धनात्मक होता है जबकि ऋणात्मक आवेश के कारण यह....................... होता है।


7. जब किसी धनात्मक आवेश को विद्युत क्षेत्र में रखा जाता है, तो यह एक बल का अनुभव करता है जो इसे उच्च विभव
वाले बिंदुओं से निम्न विभव वाले बिंदुओं की ओर ले जाता है। दूसरी ओर, एक ऋणात्मक आवेश एक बल का अनुभव
करता है जो इसे ...............विभव से .....................विभव की ओर ले जाता है।


8. विद्युत द्विध्रुव के कारण लंबवत द्विभाजक पर वैद्युत विभव ............................होता है। 


9. वह पृष्ठ जिसके प्रत्येक बिंदु पर ..........................वैद्युत विभव होता है, समविभव पृष्ठ कहलाता है।
10. (i) रेखीय आवेश के कारण समविभव पृष्ठ का आकार ............... होता है। (ii) जबकि बिंदु आवेश के कारण यह ....................होता है।


समविभव पृष्ठ के गुण
11. (a) समविभव पृष्ठ एक दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करते क्योंकि यह प्रतिच्छेद बिंदु पर विद्युत क्षेत्र E की दो दिशाएँ देता
है जो ............................नहीं है।

(b) समविभव पृष्ठ प्रबल विद्युत क्षेत्र के क्षेत्र में ...............................दूरी पर होते हैं

(c) विद्युत क्षेत्र सदैव समविभव पृष्ठ के प्रत्येक बिंदु पर ................................होता है तथा उच्च विभव वाले एक समविभव पृष्ठ से निम्न विभव
वाले समविभव पृष्ठ की ओर निर्देशित होता है।

(d) परीक्षण आवेश को समविभव पृष्ठ के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किया गया कार्य ......................होता है।
(e) विद्युत क्षेत्र की दिशा ................विभव से ...................विभव की ओर होती है, अर्थात विभव घटने की दिशा में।


12. विद्युत क्षेत्र उस दिशा में होता है जिस दिशा में विभव सबसे अधिक तेजी से ...................है।

कुछ अन्य तथ्य : 


13. विद्युत क्षेत्र का परिमाण, बिंदु पर समविभव पृष्ठ के अभिलंब प्रति इकाई विस्थापन में विभव के परिमाण में परिवर्तन द्वारा दिया जाता है।


14. स्थिरवैद्युत स्थितिज ऊर्जा स्थिरवैद्युत बल के विरुद्ध किया गया कार्य, स्थितिज ऊर्जा के रूप में संग्रहित हो जाता है। इसे स्थिरवैद्युत स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। 

15. विद्युत क्षेत्र में एक इकाई धनात्मक परीक्षण आवेश को एक बंद पथ (closed लूप) पर गति कराने में किया गया कार्य शून्य होता है।
इस प्रकार, स्थिरवैद्युत बल संरक्षी प्रकृति के होते हैं।


16.एकसमान विद्युत क्षेत्र E में एक द्विध्रुव की स्थितिज ऊर्जा निम्न प्रकार से दी जाती है: स्थितिज ऊर्जा = -p ECosØ


17. वह प्रक्रिया जिसमें किसी क्षेत्र को किसी विद्युत क्षेत्र से मुक्त (E= 0) बनाना शामिल होता है, इलेक्ट्रोस्टैटिक परिरक्षण  (electrostatic shielding)के रूप में जानी जाती है।

उत्तर : 

1.अनंत     2. स्थिति   3. संरक्षी 4. इकाई 5. समान   6. ऋणात्मक 7. निम्न, उच्च 8. शून्य 9. समान 10.बेलनाकार, गोलाकार    11a.संभव 11b निकट 11c  अभिलंबवत 11d शून्य 11e उच्च, निम्न 12. घटता