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जीवनसाथी का चुनाव - तनपसंद, मनपसंद, विवेक, प्राथमिकता, समझ और गहराई

डाक्टर विजय अग्रवाल - https://youtube.com/shorts/HEum_9kwLbE?si=hg34u0kU3R2kO43f

आचार्य प्रशांत - https://youtube.com/shorts/KQ19l1S-6j8?si=iyyGtMyzcn1ebPRu

https://youtube.com/shorts/QKGxcMuRPuc?si=Uu1fsAFbTYJDavf8

https://youtube.com/shorts/xM83JqsWeXo?si=Ff-PWBHnfW6ISl0m

https://youtube.com/shorts/_N4iLnZyb-0?si=dfhUg_AVplUZRM4B

https://youtube.com/shorts/paCaptm3uwo?si=CDVHmZ8tWfT1p3Qu

https://youtube.com/shorts/JPqEUvF2RFc?si=gNgdtOUKqXd7cLBb

https://youtube.com/shorts/9kyAXi4RUfc?si=jPwlv4eab3VEovzN

आरती 

संकलन कर्ता संस्कृत में परास्नातक हैं और हिंदी में परास्नातक की विद्यार्थी।

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पता (लघुकथा) - सुषमा सिन्हा

सुबह-सुबह बहू घर में हंगामा मचाई हुई थी। पता नहीं, अम्मा जी कहां चली गई हैं। घर में हर जगह देख लीं। वह आस-पड़ोस में भी पता करने चली गई। घर में पति और तीनों बच्चे भी घबरा गए। हे भगवान ! मां अस्सी साल की है। उनसे ठीक से चला भी नहीं जाता, आखिर कहां जा सकती हैं, अचानक उन्हें क्या हो गया, फोन पर भी जान-पहचान वालों से पूछताछ शुरू हो गई।

पड़ोस के कुछ लोग घर पर आ गए और मां जी के बारे में बातें करने लगे। घर में शोरगुल होने लगा। तभी सबसे छोटा बेटा जो सात-आठ साल का था, सबके बीच में कहने लगा-आप लोग बेकार में परेशान हो रहे हैं, मम्मी को तो पता है दादी कहां जा सकती है, क्योंकि मम्मी ही तो उन्हें पता बताती रहती है। कभी आश्रम जाने को कहती है, कभी मंदिर, कभी तीरथ, कभी बुआ के घर। अचानक ही घर में ऐसी खामोशी छा गई, मानो घर नहीं कोई वीराना हो।

© सुषमा सिन्हा, वाराणसी 

ईमेल- ssinhavns@gmail.com

 आदरणीय सुषमा सिन्हा जी का जन्म वर्ष 1962 में गया (बिहार) में हुआ, इन्होने बीए ऑनर्स (हिंदी), डी. सी. एच., इग्नू (वाराणसी) उर्दू डिप्लोमा में शिक्षा प्राप्त की|

विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में विगत 32 वर्षों से कविता, लघु कथा, कहानी आदि प्रकाशित । इनकी प्रकाशित पुस्तकें निम्नलिखित हैं :-

पांच लघुकथा संग्रह

1. औरत (2004)

2. राह चलते (2008)

3. बिखरती संवेदना (2014)

4. एहसास (2017)

5. कथा कहानी (2023)

अपने शिल्प में निपुण सुषमा जी में अथाह सृजनशीलता है। 

अपनी सिद्ध लेखनी से सुषमा जी जीवन के अनछुए पहलुओं पर लिखती रही हैं और लघु कथा विधा को और अधिक समृद्धशाली कर रही हैं लेखिका और उनके लेखन, शिक्षा और सम्मान के बारे में जानने के लिए यहाँ  क्लिक करें |

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