Article

बर्फ का टुकड़ा गर्म पानी से भरे बीकर मे डाला गया - कैलोरीमापन सम्बंधित

मान लें कि गर्म पानी की मात्रा इतनी ज्यादा है या उसका तापमान इतना अधिक है कि वो सारी बर्फ को पिघलाने की उर्जा रखता है |

 

 

 

इस मामले में दो चरण (स्टेज) होंगे पहला की “पूरी” बर्फ पहले नियत (constant) तापमान (जोकि 00 C होता है ) पर पानी में परिवर्तित हो जाये इस काम के लिए आवश्यक उर्जा होगी  

 

Q1 = m L; जहाँ m बर्फ का द्रव्यमान है ग्राम में और L, गलन की गुप्त ऊष्मा (Latent Heat of melting) है कैलोरी प्रति ग्राम या जूल प्रति ग्राम में ; बर्फ के लिए इसका मान होता है 80 कैलोरी प्रति ग्राम

 

दूसरा चरण है कि इस बर्फ के पिघलने से बने पानी के तापमान को एक कॉमन तापमान तक बढ़ाना जिसमे आवश्यक उर्जा होगी

 

Q2 =mst ; जहां s पानी की विशिष्ट ऊष्मा है पानी के लिए जिसका मान 1 कैलोरी / ग्राम-0C होता है, t वह कॉमन तापमान है जिस तक बीकर का पूरा पानी पहुँच जायेगा जिसमे बर्फ से बने पानी का तापमान बढ़कर और पहले से मौजूद पानी का तापमान घटकर क्योंकि पहले से मौजूद पानी द्वारा उर्जा का लॉस (नुकसान) होगा |

 

 

 

ली गयी ऊष्मा = दी गयी ऊष्मा

 

अर्थात Q1 + Q2 = m’ s (t’ - t)

 

जहाँ m’ पहले से मौजूद पानी का द्रव्यमान है और t’ उसका शुरुआती (बर्फ डालने से पहले ) तापमान है

 

इस गर्म पानी द्वारा t’ से t तक ठंडा होने में m’ s (t’ - t) उर्जा, बर्फ और उसके पानी को दी जाएगी |

 

 

 

नोट- दोनों तरफ द्रव्यमान का मात्रक (unit ) एकसमान रखें |

यहां ऐसा माना गया है कि न तो बीकर और न ही वातावरण कोई ऊर्जा ले/दे रहा है।