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समझ - 23.11.2025

 इतिहास शायद ही ऐसी संस्थाओं को पुरस्कृत करता है, जो बदलाव इनकार करती हों।
- सत्ताधारी दल चाहे जितना ताकतवर या योग्य हो, संतुलन बनाए रखने के लिए उसके सामने एक मजबूत विपक्ष होना ही चाहिए। लोकतंत्र सिर्फ चुनावी गणित नहीं। इसका अर्थ विकल्पों का लगातार बने रहना भी है। अगर एक धुरी जरूरत से अधिक ताकतवर हो जाए तो दूसरी ढह जाती है और लोकतंत्र की जीवंतता बनाए रखने वाला संतुलन खत्म हो जाता है। मजबूत विपक्ष की मौजूदगी ही सरकार को आत्ममंथन के लिए मजबूर करती है। उसकी जवाबदेही सुनिश्चित करती है। 
- स्वच्छ हवा का अधिकार और प्रदूषण रहित वातावरण हमारा मूल अधिकार है और न्यायालय स्वयं बार-बार इस बात की पुष्टि कर चुका है
- पर्यावरण संरक्षण को सुविधा के लिए छोड़ा नहीं जा सकता। सतत या टिकाऊ विकास कोई बाधा नहीं है। यह एकमात्र वैध मार्ग है जो नागरिकों के अधिकारों और भारत के पर्यावरणीय भविष्य दोनों का सम्मान करता है।
- जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता से दूर जाने के खाने पर कोई भी चर्चा बारीकी से होनी चाहिए, न कि कठोर आदेशों जैसी ब्राजील के राष्ट्रपति लुइस इनासियो लूला दा सिल्या ने इसकी आवश्यकता पर बात करते हुए 'निर्भरता का उल्लेख किया जो यह दर्शाता है कि यह केवल 'गंदी' बनाम 'स्वच्छ ऊर्जा' का साधारण द्वैत नहीं है निर्भरता में नौकरियां, सार्वजनिक वित्त और पूरे क्षेत्रीय अर्थ तंत्र शामिल हैं।
- अचानक बदलाव सामाजिक अस्थिरता का जोखिम पैदा करता है
- एक मजबूत संघीय ढांचे में भी हर हाल में लोकतंत्र के जीवन के लिए शक्तियों और उसकी सीमा को लेकर स्पष्टता बनी रहनी चाहिए। साथ ही संवैधानिक पदों पर बैठे लोग अगर संविधान की मर्यादा का खयाल रखें, तो इससे लोकतंत्र को भी मजबूती मिलेगी।


विभिन्न समाचार पत्रों और पब्लिक डोमेन में उपलब्ध रिपोर्ट्स एवं दस्तावेजों पर आधारित तथा जन जागरूकता के उद्देश्य से संकलित, संकलन कर्ता भौतिकी में परास्नातक हैं ।