- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा ने दो असमान शक्तियों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों के एक मॉडल को प्रतिबिंबित किया
-- नेपाल के विपरीत, वर्ष 2008 में भूटान के चुनावी लोकतंत्र में परिवर्तन ने भारत के साथ संबंधों को अस्थिर नहीं किया है।
- वर्ष 2007 में भूटान में राष्ट्रीय परिषद के लिए पहली बार प्रत्यक्ष चुनाव हुए थे। उस समय भारत- भूटान संधि में एक महत्त्वपूर्ण संशोधन किया गया और उस उपबंध को बदल दिया गया जिसमें कहा गया था कि भारत विदेशी मामलों में भूटान का 'मार्गदर्शन करेगा। उसकी जगह लिखा गया कि दोनों देश 'एक दूसरे की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान' करेंगे। दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ अपने क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करने देने पर भी सहमत हुए। इस उपबंध का परीक्षण साल 2017 में भूटान के डोकलाम क्षेत्र पर चीन के कब्जे के दौरान हुआ था।
- मोदी ने भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित और भारत की वित्तीय मदद से तैयार 1,020 मेगावॉट की पुनात्सांग - 2 जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया और देश में नई ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 4,000 करोड़ रुपये के ऋण देने की घोषणा की।
विभिन्न समाचार पत्रों और पब्लिक डोमेन में उपलब्ध रिपोर्ट्स एवं दस्तावेजों पर आधारित तथा जन जागरूकता के उद्देश्य से संकलित, संकलन कर्ता भौतिकी में परास्नातक हैं ।