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समझ 12.11.2025

 आजादी के दो दशकों तक सरकारी कर्मी की पगार प्रति व्यक्ति आय से कम थी, लेकिन वेतन आयोगों के जरिए बेतहाशा बढ़ने लगी। कई गुना सरकारी वेतन के कारण युवा इनोवेशन से हटकर सरकारी नौकरियों को ही अंतिम सत्य समझते हैं और समाज में भी आर्थिक खाई बढ़ती है।

- समृद्धि की अपनी समस्याएं हैं। विकास के अपने संकट हैं। विकासशील देश का गमछा उतार कर भारत विकसित देशों की कतार में खड़ा होना चाहता है। संकट से जूझते समृद्ध देश आंखें तरेर रहे हैं।

- जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पुलिस ने तीन डाक्टरों समेत सात ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने फरीदाबाद में करीब तीन हजार किलो विस्फोटक जमा कर रखा था। इनमें एक महिला डाक्टर भी है। शेष में मौलवी और छात्र हैं। इनके पास से राइफल, पिस्टल, टाइमर आदि भी मिले हैं। साफ है कि अब यह धारणा सही नहीं रही कि अशिक्षित और गरीब मुस्लिम युवा ही आतंक की ओर उन्मुख होते हैं।

- यह सही है कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता, लेकिन इसमें भी कोई संदेह नहीं कि मजहब की आड़ लेकर भी आतंक के रास्ते पर चला जा रहा है।

- एक के बाद एक कई आतंकी गुटों के भंडाफोड़ के बीच दिल्ली की घटना केवल यही नहीं बताती कि सुरक्षा एजेंसियों को और अधिक सतर्क रहना होगा, बल्कि इसकी भी मांग करती है कि मुस्लिम समाज का राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक स्तर पर नेतृत्व करने वाले यह देखें कि किन कारणों से उनके युवा आतंक की राह पर चल रहे हैं?

- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिन के लिए भूटान के दौरे पर हैं। भूटान क्षेत्रफल में भारत का सबसे छोटा पड़ोसी है, परंतु इसका सामरिक महत्व अत्यधिक है, क्योंकि यह चीनी कब्जे वाले तिब्बत और भारत के बीच ऊंचे हिमालयों में स्थित महत्वपूर्ण मध्यवर्ती देश है। गत 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी का वहां चार बार जाना और इसी तरह भूटान के प्रधानमंत्रियों और राजाओं का लगातार भारत में आगमन का क्रम दर्शाता है कि इस संवेदनशील रिश्ते को उचित ही सर्वोच्च राजनीतिक महत्व दिया जा रहा है। भूटान अगर कमजोर और बेसहारा बन जाए तो विस्तारवादी चीन न केवल उसे निगल जाएगा, बल्कि भारत की सीमा पर एक और मोर्चा खोल देगा।

- 1950 के दशक में तिब्बत में चीन के अतिक्रमण और वर्तमान में नेपाल में चीन के विस्तार को देखते हुए भारत के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि भूटान को चीनी महत्वाकांक्षाओं से बचाकर रखे

- अंतरिक्ष उपग्रहों से लेकर वित्तीय प्रौद्योगिकी तक भारत उभरते क्षेत्रों में भूटान की मदद कर रहा है, ताकि उसके विभिन्न राजनीतिक समूह और सामाजिक वर्ग भारत के साथ मित्रता के ठोस लाभ को महसूस कर सकें

- मोदी जी की भूटान यात्रा दुनिया को याद दिलाएगी कि भारत दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के लिए प्रमुख साझीदार बनने के लिए तत्पर है और इस मामले में चीन से प्रतिस्पर्धा करने से नहीं कतराएगा।

- विकास और प्रतिरक्षा के अलावा भारत ने संस्कृति और आध्यात्मिकता को अपनी भूटान नीति का तीसरा स्तंभ बनाया है।भूटान की इस यात्रा के दौरान मोदी एक मठ में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की पूजा करेंगे, जिन्हें उत्तर प्रदेश के पिपरहवा से वहां भेजा गया है। इसके अलावा भारत की ओर से बौद्ध आध्यात्मिक नेता और भूटानी राष्ट्र के संस्थापक झाबद्रुंग नामग्याल की प्रतिमा भी भूटान को प्रदर्शन के लिए दी गई है।

- भारत-विरोधी भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहा है। भविष्य में चीनी कारस्तानियों से निपटने के लिए भारत को भूटानी विशिष्ट वर्ग के साथ-साथ आम लोगों से भी घनिष्ठ संबंध बनाने होंगे


विभिन्न समाचार पत्रों और पब्लिक डोमेन में उपलब्ध रिपोर्ट्स एवं दस्तावेजों पर आधारित तथा जन जागरूकता के उद्देश्य से संकलित, संकलन कर्ता भौतिकी में परास्नातक हैं ।