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संपर्क(लघु कथा)-लवकुश कुमार

मास्टर डिग्री पूरी होने के बाद दो रूममेट्स एक दूसरे से विदा लेते हुए - कॉलेज का एक नियम था कि एक जूनियर व एक सीनियर एक रूम में रह सकते हैं कोर्स भिन्न हो)

सीनियर मोहित - चलता हूँ प्रेम, तुम्हारा व्यवहार मुझे बहुत अच्छा लगा, टच में रहना।

प्रेम - हाँ, मोहित भैया, हम संपर्क में रहेंगे तभी तो याद रहेगा कि वित्तीय हितों से ऊपर भी कुछ सार्थकता व स्पष्टता देने वाले काम होते हैं। आपने मुझे जो लेखन की आदत डलवाई है, उससे मैं हमेशा लोगों के लिए लिखता रहूँगा, जरूरत पड़ने पर बोलूँगा भी और ये सब आपसे संपर्क के कारण निरंतर चलता रहेगा।

संपर्क जरूरी है इस भले काम के लिए और वे एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा लेते हैं और साथ ही विदाई के समय एक-दूसरे के प्रति सम्मान और प्यार को व्यक्त करते हैं और आगे बढ़ते हैं उत्कृष्टता और उससे मिलने वाले शुकून के लिए।

©लवकुश कुमार

लेखक भौतिकी में परास्नातक हैं और उनके लेखन का उद्देश्य समाज की उन्नति और बेहतरी के लिए अपने विचार साझा करना है ताकि उत्कृष्टता, अध्ययन और विमर्श को प्रोत्साहित कर देश और समाज के उन्नयन में अपना बेहतर योगदान दिया जा सके, साथ ही वह मानते हैं कि सामाजिक विषयों पर लेखन और चिंतन शिक्षित लोगों का दायित्व है और उन्हें दृढ़ विश्वास है कि स्पष्टता ही मजबूत कदम उठाने मे मदद करती है और इस विश्वास के साथ कि अच्छा साहित्य ही युवाओं को हर तरह से मजबूत करके देश को महाशक्ति और पूर्णतया आत्मनिर्भर बनाने मे बेहतर योगदान दे पाने मे सक्षम करेगा, वह साहित्य अध्ययन को प्रोत्साहित करने को प्रयासरत हैं, 

जिस तरह बूँद-बूँद से सागर बनता है वैसे ही एक समृद्ध साहित्य कोश के लिए एक एक रचना मायने रखती है, एक लेखक/कवि की रचना आपके जीवन/अनुभवों और क्षेत्र की प्रतिनिधि है यह मददगार है उन लोगों के लिए जो इस क्षेत्र के बारे में जानना समझना चाहते हैं उनके लिए ही साहित्य के कोश को भरने का एक छोटा सा प्रयास है यह वेबसाइट ।


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