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हमारे जीवन का उद्देश्य क्या हो? - सौम्या गुप्ता

आज हमारे पास अपने जीवन के उद्देश्य के लिए बहुत से विकल्प उपलब्ध है। पर क्या आपने कभी सोचा है? क्या यही उद्देश्य सबकुछ है? 

हमारे पास दो तरह के जगत होते है- एक जिसमें हम खुद रहते है, एक जो हम अपने लोगों के साथ रहते है। मुझे ऐसा लगता है आप पहले खुद को एक मजबूत व्यक्तित्व बना लीजिए उसके बाद आप जो भी बनेंगे, शानदार बनेंगे। शानदार बनने के लिए जब आप खुद के साथ है उस वक्त खुद का ही परीक्षण कीजिए, आपने क्या किया है , क्या करना चाहते है, क्यों करना चाहते है? आपका करना सिर्फ आपके लिए है या दूसरों के लिए। 

जीवन का उद्देश्य, जीवन की सार्थकता में होना चाहिए और जीवन की सार्थकता आपके काम में, और काम से ज्यादा काम के तरीके से और उसके पीछे आपकी पवित्र भावना से तय होती है। आप जो कर रहे है अगर कुछ भी न मिलने पर भी आप वो काम कर सकते है तो आप सही काम कर रहे है, हां वो काम नैतिक और संवैधानिक भी होना चाहिए। 

काम से मिलने वाला आनंद ही काम से मिलने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।

-आइंस्टीन 

हमारा काम ज्ञान से उत्पन्न, ईश्वर को समर्पित और पूरे मन से होना चाहिए।

ऐसा पवित्र कर्म ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए, हम कुछ भी करे पूरे मन से करे और पवित्र भाव से करे। पवित्र भाव पवित्र कर्म के प्रति ही होगा

- सौम्या गुप्ता 

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश 


सौम्या गुप्ता जी इतिहास मे परास्नातक हैं और शिक्षण का अनुभव रखने के साथ समसामयिक विषयों पर लेखन और चिंतन उनकी दिनचर्या का हिस्सा हैं |


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