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धारणा बदलने वाली कुछ कहानियां (स्वर नम्रता सिंह)-1

पटकनी - ममता कालिया 

https://www.youtube.com/watch?v=pGOThd7KxHI&t=74s

सह जीवन 

भिखारिन  - जयशंकर प्रसाद

https://www.youtube.com/watch?v=H0wO8ptunKQ

साहब, दो दिन में एक पैसा तो दिया नहीं, गाली क्यों देते हो ?

हींग वाला - सुभद्रा कुमारी चौहान 

https://www.youtube.com/watch?v=sg9VxsbcBJ4

बाहर माहौल खराब है अम्मा ........

अंधे : खुदा के बन्दे - रमेश बत्रा

https://www.youtube.com/watch?v=Z5NdxIVUxCY

जो आदमी होकर आदमी को नहीं पहचानते ......... अँधा हो चूका हूँ, मोहताज नहीं होना चाहता |

अनुभवी - रमेश बत्रा

https://www.youtube.com/watch?v=slgp8WoEeZg

बाप मर गया है .......

नदियाँ और समुद्र - रामधारी सिंह दिनकर 

https://www.youtube.com/watch?v=mF-c9lXXgY4

गंभीर और मर्यादावान 

चलोगे- रमेश बत्रा

https://www.youtube.com/watch?v=CbbErGtMHSA

आप तो ऐसे कह रहे हैं जैसे कि मै कोई मुहर मांग लूँगा 

आनंद लीजिये इन कहानियों का चेतना को छूने वाली कथावस्तु और मन को बाँधने वाली आवाज में |

धन्यवाद की पात्र हैं वह लेखिका/लेखिका जिन्होंने ये कहानियां लिखी और वह वक्ता यानी नम्रता जी जिन्होंने अपनी  आवाज में इन्हें  हमारे लिए और सुलभ तथा रोचक  बनाया |

बोलते तो सब हैं एक बोलना ये भी है कि आप किसी चेतना को छूने वाली कहानी को आवाज दें |


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शुभकामनाएं