आज आपने फिर से चाय में चीनी ज्यादा कर दी, कितनी बार कहा है कि कम चीनी की चाय पिया करो.......मीनू ने गुस्से में फिक्र के कारण कहा।
लेकिन प्रेम ने पहले के अंदाज में मुस्कराते हुए उत्तर दिया....मुझे कुछ भी नहीं होगा तुम हो न मेरा ख्याल रखने के लिए, फिर मेरे लिए इतने व्रत भी तो करती हो।
मीनू का गुस्सा शांत हो जाता है और वो बोलती है शादी को 25 साल हो गये पर आपका उत्तर और अंदाज बिल्कुल भी नहीं बदला|
प्रेम ने मुस्कुराते हुए मीनू को एकटक निहारते हुए कहा.....मेरी रोज की आदत पर आज भी तुम मुझे पहले की तरह डांटती हो तुम भी कहाँ बदली हो मीनू?
दोनों ने चाय का कप हाथ में लिया और बालकनी की तरफ़ चल दिये, वहां पहुंचकर प्रेम ने मुस्कुराते हुए पूछा, मीनू हमारे साथ में या हमारे प्रेम में ऐसा क्या था कि हम आज भी पहले की तरह ही है, जैसे शादी के तुरंत बाद थे ?
मीनू ने कहा...आपने मुझे कभी बाँध के नहीं रखा, मेरी स्वतंत्रता का सम्मान किया....मुझे और मेरे घर वालों को अपने ही परिवार की तरह समझा...इससे मेरी नजरों में आपका सम्मान बहुत बढ़ गया....आपने हमेशा मुझपर विश्वास किया....मेरी जॉब के लिए भी मुझे माहौल दिया.....रोज कुछ न कुछ वक्त हम साथ बिताते हैं |
प्रेम ने कहा हाँ जैसे अभी बिता रहे है....तुम मेरी सुख-दुख की सबसे ख़ास साथी हो...मैंने वहीं किया जो हर पति को करना ही चाहिए....विश्वास, प्रेम और सम्मान ही तो रिश्ते की नींव होते है
मीनू कहती है, हाँ आप सही कह रहे है हम दोस्त बनकर ही ज्यादा रहे है और अपेक्षाओं का भारी पुलिंदा भी नहीं रखा इसीलिए आज भी हम बेस्ट फ्रेंड हैं, प्रेम में जरूरी है कि हम एक दूसरे को आत्म उन्नती की ओर भी ले जाए, एक दूसरे के बिना भी हम खुश रह सके, हमारे रिश्ते में डर न हो,....आपने मुझे इस बात में भी सहायता की और स्वतंत्र चेतना समझा....लोगों के जैसी आपके मन मे स्त्री के प्रति पुरानी सामंतवादी सोच भी नहीं थी
प्रेम अपने अंदाज में फिर कहता है, मीनू तुम्हारा जैसा रुख था जीवन में गरिमा, आत्मनिर्भरता और उत्कृष्टता पाने का मैंने बस तुमको वैसा जीवन जीने दिया है, स्त्री और पुरुष दोनों स्वतंत्र चेतना ही है बस सृष्टि के संचालन के लिए कुछ अन्तर है।
मजाक करते हुए प्रेम कहते हैं, वैसे एक बात और पूछनी है मेरी प्यारी मीनू से, बेस्ट फ्रेंड के बाद बॉय फ्रेंड बनने का भी चांस है क्या ? और हंसने लगते हैं
मीनू, आप नहीं सुधरने वाले ! हाँ क्यों नहीं....रिश्ता लेकर घर कब आओगे?
फिर दोनों हँसते हुए अपनी चाय खत्म करते हैं |
मीनू और प्रेम साथ मिलकर अपना और बच्चों का लंच पैक करके निकल जाते है अपने-अपने काम पर।
- सौम्या गुप्ता
बाराबंकी, उत्तर प्रदेश
सौम्या गुप्ता जी इतिहास मे परास्नातक हैं और शिक्षण का अनुभव रखने के साथ समसामयिक विषयों पर लेखन और चिंतन उनकी दिनचर्या का हिस्सा हैं |
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