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जिंदगी - सौम्या गुप्ता

मानो तो हर पल खुशरंग है जिंदगी

न मानो तो बिल्कुल बेरंग है जिंदगी

दिल है गर साफ तुम्हारा,

तो दिलदार है जिंदगी

कभी खुशनुमा ख्वाब है जिंदगी

कभी धूप, कभी छाँव है जिंदगी

मानो तो हमसफर है जिंदगी

न मानो तो टूटा दरख़्त है जिंदगी

कभी सब मिले मन का

तो जश्न है जिंदगी

कभी कुछ मिले बुरा,

तो उदास है जिंदगी

कभी कोयल की कूक सी

मिठास है जिंदगी

कभी नीम के पत्तो सी

कड़वी है जिंदगी

पर चाहे जैसी हो जिंदगी

इसके सभी पन्नो में है जिंदगी

क्योंकि हर पन्ने पर ईश्वर का दिया वरदान है जिंदगी

कितनों की है आश तुम्हारी जिंदगी

कितनों के नहीं है पास ये जिंदगी

- सौम्या गुप्ता

बाराबंकी उत्तर प्रदेश

सौम्या गुप्ता जी इतिहास मे परास्नातक हैं और शिक्षण का अनुभव रखने के साथ समसामयिक विषयों पर लेखन और चिंतन उनकी दिनचर्या का हिस्सा हैं |


इस कविता के माध्यम से कवयित्री क्या संदेश देना चाह रही है उसे कुछ प्रश्नों के माध्यम से आसानी से समझ सकते है :

यह एक कविता है जो जीवन के विभिन्न पहलुओं और रंगों का वर्णन करती है। इसमें जीवन की खुशी, दुख, सपने, और वास्तविकता को दर्शाया गया है, जो हमें जीवन के हर पल को महत्व देने की प्रेरणा देती है।

इस कविता में 'जिंदगी' को कैसे परिभाषित किया गया है?

इस कविता में 'जिंदगी' को एक बहुआयामी अनुभव के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें खुशी, दुख, सपने, वास्तविकता, और हर तरह के रंग शामिल हैं। यह जीवन को एक निरंतर बदलाव के रूप में देखती है, जिसमें हर पल एक नया अनुभव होता है।

कविता में 'हमसफर' किसे कहा गया है?

कविता में 'हमसफर' उस व्यक्ति या वस्तु को कहा गया है जो जीवन के सफर में साथ देता है, चाहे वह खुशी हो या गम। यह एक ऐसे साथी का प्रतीक है जो हमेशा साथ रहता है।

कविता में 'दरख्त क्या दर्शाता है?

कविता में 'दरख्त' दुःख और नुकसान का प्रतीक है। यह दिखाता है कि जीवन में कभी-कभी दुख भी आते हैं, जो हमें तोड़ सकते हैं।


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