सम्यक जीवन और बेहतरी के लिए कुछ प्राथमिकताएं और घर का माहौल; भाग -3
Posted on: July 13, 2025 by lovekush_kumar | Category: | Share
- आंबेडकर जी का साहित्य रखिये घर में, फुले जी का साहित्य रखिये घर में, जो नेता संघर्ष वाले जीवन से आकर ऊँचाई तक पहुंचे या जिन्होंने समाज के पिछड़ी तबकों के भले के लिए काम किया उनकी जीवनी या आत्मकथा रखिये घर में खुद भी पढ़िए और बच्चों को भी प्रेरित करिए
- सही लोगों का मान करना सीखिए, जिस तरह के लोगों का मान आप करेंगे आपके बच्चे भी उनका ही मान करेंगे
- अगर आप शिक्षित, समझदार और ईमानदार लोगों का मान करेंगे तो आपके बच्चे भी उनका मान करेंगे और खुद भी वैसा ही बनने का प्रयास करेंगे, फिर आपको उनसे बेहतर बनने को कहना न पड़ेगा, माहौल सब कह देगा |
- हमें समाज में एक निर्णायक भूमिका पानी है इस विचार को जिन्दा रखने और याद रखने के लिए नियमित मीटिंग कर इस बारे में प्रगति पर चर्चा करें ताकि इस तरह हम केवल स्वयं तक ही सीमित न रह जाएँ, जब प्रयास सामूहिक हो तो उत्साह भी बना रहता है और काम भी चलते रहते हैं |
- निडर बनंगे तो आगे बढ़ने और मजबूती के लिए मेहनत करेंगे, दब्बू रहेंगे तो आगे बढ़ने की उत्कंठा ही न पैदा होगी
- आपना मत और अपनी बात/स्तिथि स्पष्ट रूप से बोलना सिखाइए ताकि ऐसे ही लोगों से संग हो सके,क्योकि संगति महत्वपूर्ण है |
- जो इंसान केवल हाँ में हाँ में मिलाता है अपना मतलब निकलने को फिर वो ऐसे ही लोगों से घिर जाता है
- अपनी असहमति को खुलकर व्यक्त करें और लोगों को भी आजादी दें की वो अपनी सहमति को खुलकर व्यक्त कर सकें, फिर तर्क के द्वारा लोगों की शंका समाधान करें इस तरह लोग सच्चे मन से आपके साथ होंगे और जिन्हें केवल झूठ ही पसंद है वो खुद ही दूर हट जायेंगे|
- नेतृत्व की क्षमता रखें, स्कूल के वक़्त से ही बच्चों को स्कूल में होने वाले कार्यक्रम में हिस्से लेने को प्रोत्साहित करें और खासकर भाषण देने, मंच संचालन और समन्वय के कामो में
- उन्हें सिखाएं की जो भी लोग उनके साथ जुड़े हैं उनके हित सुरक्षित रहें और उनके वाजिब हित पूरे हो सकें इस बात को ध्यान में रखकर ही काम करें
- साहस आता है स्पष्टता से अतः बच्चों को साहित्य अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करें ताकि उनमे स्पष्टता रहे और वह साहस के साथ आगे बढ़ सकें |
- बच्चों में कोई फूट न डाल पाए इस तरह तैयार करें उन्हें, उन्हें बताएं की अपना वो जो सच के रास्ते चले, उन्हे बताएं कि किसी के कहने मे न आकर वस्तु स्थिति का जायजा लें और संबन्धित व्यक्ति से खुद बात करें |
- जो सफल हुए हैं उनसे किसी भी तरह का इर्ष्या भाव या प्रतिस्पर्धा की भावना रखे बिना उनसे सीखने के इच्छा रख वार्तालाप करें, बहंस के बजे चर्चा के रुझान के साथ बाते करें |
- बच्चों को दूसरों की मदद के लिए प्रेरित करने के लिए खुद अपनी इनकम का 2 % जरूरतमंद लोग जिनसे आपका कोई स्वार्थ नहीं उनकी मदद के लिए आरक्षित करें, इस तरह बच्चों में दूसरों की मदद के लिए पहले खुद को समर्थ बनाने के लिए मेहनत करने की प्रेरणा मिलेगी |
- खुद को मांगने वाला नहीं देने वाला समझ खुद मेहनत कर वो हासिल करना है जिसके हम हकदार हैं, किसी का चमचा नहीं बनना, खुद समर्थ हो ऐसा मानकर खुद ही सारे तरीके सीखने हैं|
बाकी बातें अगले भागों मे |
शुभकामनाएं