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सम्यक जीवन और बेहतरी के लिए कुछ प्राथमिकताएं और घर का माहौल; भाग -1

  • उद्देश्य में हो एक गरिमामय और आत्मनिर्भरता वाला व्यक्तिगत जीवन  समाज के निर्माण में निर्णायक भूमिका नाकि आपस में सम्मान पाने की होड़, अगर समाज के निर्माण मे निर्णायक भूमिका न निभा सकें तो अपने व्यक्तिगत जीवन मे ही सत्यनिष्ठा से जीवन जीकर एक सही मिसाल बने न कि झूठ और दिखावे का जीवन जीकर एक गलत उदाहरण |
  • अपने व्यक्तिगत उन्नयन के साथ अपने समाज के पिछड़े लोगों की मदद ताकि उनको उचित शिक्षा मिल पाए और वो भी समाज में एक गरिमामय उपस्थिति दर्ज कर सकें, इस तरह आपके आस-पास समृद्धि होगी तो आपको और अच्छा लगेगा|
  • छोटी छोटी औपचारिकताओं को लेकर विवाद के बजाय हमारे ध्यान में बड़ा उद्देश्य हो जिसमे शिक्षा, उन्नयन हो, आत्मनिर्भरता, सम्पन्नता और समाज में एक उचित स्थान के लिए के एक -दूसरे का  वाजिब साथ हो
  • बच्चों में साहित्य को लेक्रर रुझान विकसित करना होगा जिससे एक दूसरे को समझना और समन्वय बैठना आसान हो सके |
  • अध्यात्म की समझ को लेकर रुझान ताकि छोटी और सतही  चीज़ में उलझे बिना  बच्चे सही उद्देश्य के लिए मेहनत कर सकें
  • जहाँ समाज का एक तबका पूरे मनोयोग से शक्ति और सम्पन्नता के लिए लगे हैं वहीँ समाज का एक बड़ा तबका आपस के मतभेद में उलझे हैं, एक दूसरे कि टांग खींच रहे, और नीचा दिखा रहे, ऐसा बिलकुल न हो सारे क्रिया कलापों का उद्देश्य ऐसा हो कि एक दूसरे कि उन्नति मे सहयोग करना है, और खुद भी अपने काम मे उत्कृष्टता लाकर बेहतरी हासिल करनी है |
  • खुश होना ही है तो खुद के काम मे उत्कृष्टता लाकर खुश हो, किसी को नीचा दिखाकर खुश होना तो बहुत सतही है, किसी ने कुछ बेहतर किया हो तो उसकी तारीफ करें उसके प्रयासों कि तारीफ करें ताकि समाज के और लोग भी उससे प्रेरणा लेकर बेहतर काम करे, किसी कि सफलता का श्रेय अगर किस्मत को देंगे तो फिर लोग अपने काम मे कौशल लाने के बजाय बस किस्मत चमकाने के उपाय करते फिरेंगे|
  • साहित्य की समझ तो इंसान की समझ को वृहद् करती है और समावेशी बनती है, इसीलिए खुद भी साहित्य पढ़ें नियमित रूप से और दूसरों को भी पढ़ने का सुझाव दें, अगर साहित्य अध्ययन से आपके जीवन मे शांति का समावेश होगा तो लोग भी प्रेरित होंगे |
  • शारीरिक रूप से मजबूती, व्यायाम के द्वारा सुनिश्चित करें ताकि इस शरीर रूपी साधन का उपयोग आप स्वयं कि बेहतरी और एक आज़ाद जीवन जीने के लिए कर सकें, उत्तेजक भोजन से बचें |
  • मानसिक मजबूती के सारे साधन, माने मानव मन और दुनिया की स्पष्ट समझ, एक बार समझ आ गयी तो अकेले रहने से भी डर न लगेगा, और ये जो दुनिया का दबाव होता है की अकेले छोड़ देंगे इससे मुक्ति मिल जाएगी|

बाकी बातें अगले भागों मे |
शुभकामनाएं