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मानव व्यवहार और समाज के सम्बन्ध में कुछ उक्तियां

  • किसी को अनुदान देने से, उसके काम मे हाथ बँटाना बेहतर है 
  • फुर्तीला किन्तु संतुलित व्यक्ति ही दौड़ मे विजयी होता है |
  • किसी संस्था का चरित्र चित्रण, उसके नेतृत्व मे प्रतिबिम्बित होता है |
  •   जो बदलाव आप दूसरों मे देखना चाहते हैं- पहले स्वयं मे लाइये – गांधी जी
  • अधिकार ( सत्ता ) बढने के साथ उत्तरदायित्व भी बढ़ जाता है |
  • शब्द दो-धारी तलवार से अधिक तीक्ष्ण होते हैं |
  • आवश्यकता लोभ की जननी है तथा लोभ का आधिक्य नस्लें बर्बाद करता है |
  • स्त्री पुरुषों के समान सरोकारों को शामिल किए बिना विकास संकटग्रस्त है |
  • राष्ट्र के भाग्य निर्माण का स्वरूप-निर्माण उसकी कक्षाओं मे होता है |
  • हम मानवीय नियमों का तो साहसपूर्वक सामना कर सकते हैं, परंतु प्रकृतिक नियमों का प्रतिरोध नहीं कर सकते |

 

 

स्रोत - यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा निबंध के विषय