लोगों का आंकलन करते वक्त उनका व्यवहार नहीं उनके कार्य की गुणवत्ता, जिम्मेदारी लेनी की इच्छा और जवाबदेही का भाव देखिए।
जो इंसान कार्य के प्रति समर्पित है, संभावना है कि डेडलाइन के चलते या ज्यादा काम के चलते वो कभी-कभी अपने व्यवहार को संयत न रख पाए वहीं जो लोग कामचोर प्रवृत्ति के होते हैं, उनके लिए अपने व्यवहार को संयत रखना अपेक्षाकृत आसान होता है।
इसीलिए ये न देखिए कि कौन आपको हर त्योहार बधाई संदेश भेज रहा है या आपकी आत्मप्रशंसा की बातों में हां में हां मिला रहा है, बल्कि ये देखिए कि कौन अपने कार्यों और जिम्मेदारियों को अच्छे से पूरा कर रहा।
देश और समाज में समृद्धि और संपन्नता गुणवत्तापूर्ण और जिम्मेदारी के साथ किए गए कार्यों से आती है नकि बधाई संदेश फारवर्ड करने से।
-लवकुश कुमार