कई रास्ते हो सकते हैं ऐसा करने के, कुछ आपने सोंचे/देखे होंगे
एक रास्ते की बात मै करना चाहता हूँ, शायद आपको पसंद आ जाये:
एक संयत और ठसक वाला संतुलित जीवन जीकर आप एक आदर्श पेश कर सकते हो
इससे क्या होगा ? इससे ये हो सकता है कि
तो मानसिक शांति और उत्कृष्टता हांसिल होगी |
3. ईमानदारी के साथ ठसक (बिना किसी अनुचित दबाव में आये ) वाला जीवन जीकर आप एक आदर्श जीवन की मिशाल बन सकते हैं
आपको और आपके जीवन की शांति को देख और लोग भी प्रेरित हो सकते हैं |
4. जब आप अपने जीवन में ईमानदार होते हो माने कथनी और करनी में एक होते हो और अपने हर एक निर्णय के पीछे के केंद्र पर नज़र रखते हो तो उत्कृष्टता आती है जीवन में / कार्यों में जो दूसरों के लिए प्रेरणा बनती है |
इस तरह आपके काम में नए लोगों का साथ भी जुड़ सकता है और अगर लोगों का साथ मिलने में वक़्त भी लगा तो कम से कम आप एक प्रेरणादायक जीवन जी पाओगे और
इतनी संतुष्टि रहेगी की आपने किसी अव्यवस्था को बढ़ाने में सहयोग नहीं किया, बाकि संयोग होते चले गये और जरूरी कौशल विकसित होते गये तो कारवां आगे बढेगा लोग जुड़ते जायेंगे
आखिरकार समाज के लिए काम करना है तो आगे बढ़ते रहेंगे जैसा समाज का साथ मिलेगा वैसी गति रहेगी, किसी भी हालत में एक बेहतर जीवन जीना है जिसका ध्येय उच्च मानक स्थापित करना हो, लोगों का साथ या पहचान मिले या न मिले, हाँ अपने काम को बड़े मंच पर लाकर हम इसे ज्यादा लोगों की नज़र में ला सकते हैं, इससे ज्यादा लोगों का साथ मिलने की गुंजाइश बन जाएगी |
यहाँ पर मै साहिर लुधियानवी साहब की कुछ पंक्तियाँ उद्धृत करना चाहूँगा :
माना कि इस ज़मीं को न गुलज़ार कर सके कुछ ख़ार कम तो कर गए गुज़रे जिधर से हम
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शुभकामनायें
-लवकुश कुमार