इन उक्तियों को मैंने अध्यात्मिक अध्ययन के दौरान अपनी डायरी मे लिखा और
अपने अनुभव एवं अवलोकन का पुट देते हुये आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ ;
विस्तृत समझ के लिए आप अध्यात्मिक साहित्य का रुख कर सकते/सकती हैं;
आशा है ये आपके जीवन मे स्पष्टता और शांति लाएँगे और त्वरित निर्णय लेने
तथा अपनी पसंद-नापसंद की समीक्षा करने मे आपकी मदद करेंगे,
अपनी ज़िम्मेदारी पर ही अमल मे लाएँ, शुभकामनायें
आपको सामने वाले का
व्यवहार चोट नहीं पहुंचाता
आपको आपका अहंकार चोट
पहुंचाता है
कल की सुबह
अलग हो सकती है
अगर आप आज की
रात बादल डालें
तरीके आम हैं तो
परिणाम खास कैसे होंगे ?
पुराने रास्तों पर
चल चलकर
नई मंज़िल तक
कैसे पहुँचा जा सकता है ?
चालाकी का जवाब
चालाकी नहीं
समझदारी है
जो कमज़ोर नहीं
उसे सुरक्षा देना
उसे कमजोर करना है
हर कदम तुम्हें बदल देता है
अगले कदम पर तुम,
तुम नहीं रहोगे |
इसीलिए अपने आगे के कदमो की
कल्पना या चिंता करना व्यर्थ है |
तुम बस अभी जहां हो
वहाँ से उठते एक कदम की सुध लो
झुंड मे नहीं चलती जवानी
शेर की तरह चलती है |
दिन रात
जिनकी आवाजें
सुन रहे हो
दिन रात
जिनकी शक्लें
देख रहे हो
तुम्हारा मन वैसा ही
हो जाना है |
आँख साफ करो,
भीतर जाओ,
अपनी जिंदगी को देखो |
शरीर की शुद्धि,
अच्छी बात है,
उससे कहीं ज्यादा
अच्छी बात है ,
शरीरभाव से मुक्ति |
असली मोटिवेशन
ज्ञानवर्धन है
न की उत्साहवर्धन
संदर्भ - आचार्य प्रशांत की शिक्षाओं और अन्य अध्यात्मिक साहित्य के साथ स्वयं की अनुभवजनित समझ पर आधारित