इन उक्तियों को मैंने अध्यात्मिक अध्ययन के दौरान अपनी डायरी मे लिखा और
अपने अनुभव एवं अवलोकन का पुट देते हुये आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ ;
विस्तृत समझ के लिए आप अध्यात्मिक साहित्य का रुख कर सकते/सकती हैं;
आशा है ये आपके जीवन मे स्पष्टता और शांति लाएँगे और त्वरित निर्णय लेने
तथा अपनी पसंद-नापसंद की समीक्षा करने मे आपकी मदद करेंगे,
अपनी ज़िम्मेदारी पर ही अमल मे लाएँ, शुभकामनायें
सुबह उठो लेकिन पुराना दिन दोहराने को नहीं
नया दिन लाने को
लोग तुम्हें नहीं चाहते,
तुम्हारे द्वारा उन्हे जो मिल रहा होता है
उस चीज़ को चाहते हैं
जो भयानक है वो कुछ छीन नहीं सकता
जो आकर्षक हो
वो कुछ दे नहीं सकता
जिसकी ज़रूरतें जितनी बढ़ेंगी
वो उतना बिकेगा
जरूरतें कम रखना बेटा
तुम्हारे मन को कोई विचलित करे
ये अन्याय है तुम्हारे साथ
रिझाने वालों को
धोखेबाज जाना
खुश नहीं होना है
रिझाना प्रेम नहीं
चालबाजी है
जो कुछ तुम्हें
बार बार याद आता हो
तुम उससे कुछ ऊंचा याद रखो
तुम्हारा जन्म दूसरों से
तुलना करने को
नहीं हुआ है तुम्हारा जन्म अपनी सच्चाई को अभिव्यक्ति देने को हुआ है
संदर्भ - आचार्य प्रशांत की शिक्षाओं और अन्य अध्यात्मिक साहित्य के साथ स्वयं की अनुभवजनित समझ पर आधारित