कुछ लोग ऐसे मिलते हैं जिनकी अनुचित मांगें आप ये सोचकर पूरी करते रहते हो कि इनसे बात बिगड़ न जाए, व्यवहार में जो मीठापन है वो चला न जाए और अक्सर ऐसा होता है कि ऐसा इंसान आपका दोहन करता रहता है।
तो आखिर क्या करें?
आपकी श्रद्धा सत्य के प्रति होनी चाहिए न कि किसी इंसान के प्रति, जब तक वो सत्य के साथ, आप साथ देते रहो।
जैसे ही कोई अनुचित मांग करें उससे तुरंत कहो कि उसकी मांग अनुचित है पूरी नहीं हो सकती।
फिर ऐसे इंसान से बिगड़नी हो तो बिगड़ जाए, जहां कल बिगड़नी हो आज बिगड़ जाए, कम से कम आपका नुकसान होने से बच जाएगा, ऐसे इंसान से बनाकर रखने से भी कोई लाभ न होगा।
जो जरूरी है आपके पास से जाएगा नहीं इसीलिए संभालने की जरूरत नहीं है और जो जरूरी नहीं है उसे संभालकर करोगे क्या!