अब तो वायु हो चली गर्म
कुछ तो करो शर्म
पर्यावरण पर हो जाओ नर्म ।
संरक्षित करना है आपका धर्म ।।
एसी से गर्मी से बच जाओगे
न पालो ऐसा भ्रम
सीएफसी होता है विषैला
जानो ओजोन का मर्म
पेड़ लगाने का करो कर्म
ईंधन का प्रयोग करो कम
जनसंख्या वृद्धि जो जाए थम
टिकाऊ विकास की ओर जो बढ जाए हम
अब तो वायु हो चली गर्म
कुछ तो करो शर्म
-डॉ अनिल वर्मा
लेखक कृषि रसायन में परास्नातक हैं और गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर उत्तराखंड में कृषि रसायन पर शोध कार्य कर चुके हैं।
ये लेखक के निजी विचार हैं और समाज की बेहतरी के प्रयोजन से लिखे गए हैं।